कभी तू तो कभी तेरी तन्हाई मार देती है
हर पल मुझे ये तेरी जुदाई मार देती है
सीतम करना है तो कर आके मेरी तुरबत पर
हिसाब होता हैं यहाँ मेरी इस चाहत का
तेरे हर इलज़ाम कि मुझे रुस्वाई मर देती है
हर पल मुझे ये तेरी जुदाई मार देती है
सीतम करना है तो कर आके मेरी तुरबत पर
हिसाब होता हैं यहाँ मेरी इस चाहत का
तेरे हर इलज़ाम कि मुझे रुस्वाई मर देती है
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