ना जाओ तुम मुझे तनहा कर
ग़म के तूफ़ान में मौजों का सहारा छोड़ कर
ये जो शोला सा भड़काया मुझमे तेरे इश्क़ का
अब कहते हो तू ही जल मुझे तनहा छोड़ कर
ग़म के तूफ़ान में मौजों का सहारा छोड़ कर
ये जो शोला सा भड़काया मुझमे तेरे इश्क़ का
अब कहते हो तू ही जल मुझे तनहा छोड़ कर