वो सुनी सुनी सी अंगनाइयां आवाज़ देती हैं
चले आओ तुम्हे तन्हाइयाँ आवाज़ देती हैं
ये किसकी याद में हैं भीगी भीगी आप की पलकें
किसे ये बे सदा शहनाइयाँ आवाज़ देती हैं
मुझे समझा नहीं कोई मैं इस दम प्यासा हूँ
समन्दर की जिसे गहराइयाँ आवाज़ देती हैं
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