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Monday, October 28, 2013

कैसे इक़रार करूँ कैसे मैं इंकार करूँ

आ तुझे प्यार करूँ प्यार करूँ प्यार करूँ
सामने तुझको बिठा के तेरा दीदार करूँ

क्या मेरे दिल के हैं जज़बात तुम्हे क्या मालूम
आज कल के मेरे हालात तुम्हे क्या मालूम
कैसे कटती है मेरी रत तुम्हे क्या मालूम
तू समझ जाये  तो तन्हाई में इज़हार करूँ

कैसर लैला की वो अनमोल कहानी तुम हो
जिस पे आए न ज़वाल ऐसी जवानी तुम हो
हो गुलाबों की महक रात की रानी तुम हो
दिल के गुलशन को तेरे प्यार से आबाद करूँ

तेरी  पाज़ेब की झंकार से डर लगता है
आज क्यों मुझको तेरे प्यार से डर लगता है
हो  ना रुस्वाई के संसार से डर लगता है
कैसे इक़रार करूँ कैसे मैं इंकार करूँ

आ तुझे प्यार करूँ प्यार करूँ प्यार करूँ
सामने तुझको बिठा के तेरा दीदार करूँ

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