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Wednesday, October 30, 2013

ना जाओ तुम मुझे तनहा कर

ना जाओ तुम मुझे तनहा  कर
ग़म के तूफ़ान में मौजों का सहारा छोड़ कर
ये जो शोला सा भड़काया मुझमे तेरे इश्क़ का
अब कहते हो तू ही  जल मुझे तनहा छोड़ कर

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