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Tuesday, October 29, 2013

तुमको मेरी तरह चाहता कौन है

दर्द बनके जिगर में छुपा कौन है
मुझमे रह रह के ये चीख़ता कौन है

एक तरफ दिल है और एक तरफ आइना
देखना है मुझे अब टूटता कौन है

तू मुझे भूल जाए ये मुमकिन नहीं
तुमको मेरी तरह चाहता कौन है

जब तुझे दिल में अपने बसा ही लिया
होंगे बदनाम हम सोचता कौन है 

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